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मणिपुर में हिंसा भड़कने से फिर बिगड़े हालात

मणिपुर में जातीय हिंसा की घटनाएं बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पॉवर्स एक्ट (एएफएसपीए) को हटाने की मांग की है. यह मांग ऐसे समय में की गई है जब राज्य में हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं और हालात खराब हो रहे हैं.

केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर के जिरीबाम सहित 6 पुलिस थाना क्षेत्रों में AFSPA को फिर से लागू किया है, जिसके तहत सुरक्षाबलों को विशेष शक्तियां प्रदान की जाती हैं.

एएफएसपीए क्या है?
एएफएसपीए एक कानून है जो सुरक्षा बलों को विशेष शक्तियां प्रदान करता है, जैसे कि किसी क्षेत्र को अशांत घोषित करने की शक्ति ¹. इस कानून को मणिपुर के जिरीबाम सहित 6 पुलिस थाना क्षेत्रों में फिर से लागू किया गया है.

यह निर्णय वहां जारी जातीय हिंसा के कारण लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए लिया गया है। पिछले वर्ष मई से इंफाल घाटी स्थित मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

मणिपुर में हिंसा की घटनाएं
पिछले वर्ष मई से इंफाल घाटी स्थित मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. जिरीबाम जिले में सोमवार को छद्म वर्दीधारी और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा एक पुलिस थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई थी, जिसमें ग्यारह संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे.

राज्य सरकार की मांग
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से एएफएसपीए को हटाने की मांग की है, जिससे राज्य में शांति बहाली में मदद मिल सके. यह मांग ऐसे समय में की गई है जब राज्य में हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं और हालात खराब हो रहे हैं.

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